चलिए जानते है की जज कैसे बनते हैं? हम सभी एक अच्छी नौकरी पाने की इच्छा रखते हुए जी तोड़ मेहनत करते हैं और अपनी पढ़ाई पूरी परिश्रम के साथ करते हैं, क्योंकि हमें यह पता होता है कि जब हम एक अच्छी नौकरी प्राप्त कर लेंगे, तो उसके बाद हमारे लिए शादी के अच्छे अच्छे रिश्ते आएंगे और समाज में हमारा मान सम्मान बढ़ेगा तथा हम अपना जीवन बेहतर तरीके से गुजार सकेंगे।
जब कोई व्यक्ति वकालत की फील्ड में होता है, तो वह इस क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करने के बाद अदालत में जज यानी कि न्यायाधीश की पोस्ट प्राप्त कर सकता है। आज हम आपके साथ इस पोस्ट में जज कैसे बने की प्रक्रिया सांझा कर रहे है।
जज किसे कहते है?
जज का मुख्य काम अदालत में सबूतों और गवाहों के आधार पर सही डिसीजन देना। भारतीय कोर्ट में जज काले रंग के कपड़े पहनते हैं और अदालत में लोगों के सामने एक ऊंची कुर्सी पर बैठते हैं।

जज अदालत में बिना किसी पक्ष की साइड लिए हुए और बिना किसी व्यक्ति के दबाव में आए हुए अदालत में पीड़ित व्यक्ति के हक में फैसला देने का काम करते हैं और दोषी अपराधी को उम्रकैद या फांसी अथवा अन्य प्रकार की सजा सुनाने का काम करते हैं।
अदालत में जज का फैसला सर्वमान्य होता है। हमारे देश में हाईकोर्ट से ऊपर सुप्रीम कोर्ट मानी जाती है। अगर कोई व्यक्ति हाईकोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है, तो वह सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है।
Court Judge कैसे बने?
जज ऐसी नौकरी होती है, जिसमें आपको मान सम्मान तो मिलता ही है,साथ ही आपको इसके अंदर एक राजा वाली फीलिंग भी आती है़, क्योंकि आपको दोनों पक्षों को सुनने के बाद सही निर्णय देना होता है। इस पोस्ट पर आप जानेंगे कि जज कैसे बने और जज बनने के लिए क्या करना पड़ता है।
जज बनने की प्रक्रिया क्या है?
आप नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करके जज बन सकते हैं।
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जज Exam Eligibility
हमारे देश में स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ज्यूडिशल सर्विस एग्जाम और सबोर्डिनेट कोर्ट की एग्जाम का आयोजन करवाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ये एग्जाम राज्यों के अनुसार डिफरेंट टाइप की भी हो सकती है
न्यायाधीश बनने के लिए क्या करे?
जज बनने के लिए आपको सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा उसके बाद मुख्य परीक्षा और सबसे आखरी में इंटरव्यू में शामिल होना पड़ता है, इसकी इंफॉर्मेशन हम आपको नीचे दे रहे हैं
- प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ)
- मुख्य परीक्षा (लिखित)
- साक्षात्कार
#1. प्रारंभिक परीक्षा एग्जाम पैटर्न
- जनरल नॉलेज: यह टोटल 150 अंकों का होता है और इसे देने के लिए अभ्यर्थियों को 2 घंटे का समय दिया जाता है।
- Law: यह टोटल 300 अंकों का होता है और इस परीक्षा को देने के लिए अभ्यर्थियों को 2 घंटे का समय दिया जाता है।
#2. मुख्य परीक्षा एग्जाम पैटर्न
जनरल नॉलेज:यह टोटल 150 अंकों का होता है और इस परीक्षा का समय 3 घंटे होता है।
- लैंग्वेज: इसे देने के लिए 3 घंटे का समय दिया जाता है और यह 200 अंकों का होता है।
- सबसटेंटेटिव लॉ: यह 200 अंकों का होता है और इसे देने के लिए 3 घंटे का समय प्रदान किया जाता है।
- प्रोसीजर एंड एविडेंस: यह टोटल 200 अंकों का होता है और इसे देने के लिए 3 घंटे का समय दिया जाता है।
- पैनल रेवेन्यू एंड लोकल लॉ: यह टोटल 200 अंकों का होता है और 3 घंटे का समय इस क्वेश्चन पेपर को देने के लिए दिया जाता है।
#3. इंटरव्यू
ऐसे अभ्यर्थी जो प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा को क्लियर कर लेते हैं उन्हें सबसे आखिरी राउंड यानी कि इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है यह टोटल 100 मार्क का होता है इस इंटरव्यू को लेने वाले लोगों की टीम द्वारा विभिन्न प्रकार के कठिन प्रश्न अभ्यर्थी से पूछे जाते हैं।
जब अभ्यर्थी अपने जवाबों के द्वारा टीम को संतुष्ट कर देता है तो उसके बाद उसे जज की पोस्ट के लिए सिलेक्ट कर लिया जाता है और फिर ट्रेनिंग पर भेज दिया जाता है।
ट्रेनिंग कंप्लीट करने के बाद उसे जज की पोस्ट प्रदान की जाती है इस प्रकार वह इंडियन कोर्ट में जज बनने में कामयाब हो जाता है।
जज की सैलरी
ऐसे लोग जो इंडियन कोर्ट में जूनियर सिविल जज होते हैं, उन्हें महीने में सैलरी के तौर पर ₹45000 प्राप्त होते हैं,वही जो लोग सीनियर जज होते हैं उन्हें महीने में सैलरी के तौर पर ₹90,000 मिलते हैं।
हालांकि स्टेट के अनुसार यह सैलरी अलग-अलग भी हो सकती है। हमारे इंडिया में,जो व्यक्ति हाई कोर्ट का मुख्य जज होता है, उसे महीने की सैलरी के तौर पर ₹2,50000 मिलते हैं और जो हाई कोर्ट के अन्य जज होते हैं, उन्हें महीने की सैलरी के तौर पर ₹2,25,000 मिलते हैं।
इसके अलावा इंडिया के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज को महीने की सैलरी के तौर पर ₹2,80,000 मिलते हैं और सुप्रीम कोर्ट के दूसरे जज को महीने की सैलरी के तौर पर ₹2,50,000 की प्राप्ति होती है।
अगर हम हाईकोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है, तो हम अपनी अर्जी कहां डाल सकते हैं?
आप भारत के सुप्रीम कोर्ट में अपनी अर्जी डाल सकते हैं।
क्या अदालत में जज बनने के लिए 7 साल का अनुभव होना आवश्यक है?
जी हां अगर आपको जज बनना है, तो आपको पहले वकालत के तौर पर 7 साल गुजारने होंगे,उसके बाद ही आप जज बन सकते हैं।
क्या इंडियन गवर्नमेंट के द्वारा डायरेक्ट जजों की नियुक्ति की जाती है?
जी हां इंडियन गवर्नमेंट अपनी पसंद के हिसाब से भी जजों की पोस्टिंग कर सकती है अथवा उनका ट्रांसफर कर सकती है।
निष्कर्ष
तो साथियों हम आशा रखते है की जज कैसे बने और जज की तैयारी कैसे करें के बारे मे अच्छे तरीके से समझ गए होंगे। अगर इस पोस्ट में लेख गेय तथ्य आपको अच्छा लगा तो इसे आपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले और अधिक जानकारी के लिए हमें संपर्क करें।